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Lucky Ali - हैरत lyrics
refrain:
 धीमी धीमी चलने लगी हैं अब हवाएं
 धीमी धीमी खुलने लगी हैं आज राहें
 रंगने लगे हैं मंजिल को जाने के राह सारे
 जैसे आसमान पे छींटे पड़े हो बनके सितारे
 धीमी धीमी रौशनी सी बह रही है इन हवाओं में यहाँ
 हैरत हैरत हैरत है
 तू है तो हर एक लम्हा ख़ूबसूरत है शाम थी कोई जो नूर आ गया यहाँ
 हो गई है सुबह
 रात का नाम-ओ-निशान तक नहीं कहींLucky Ali - हैरत - http://motolyrics.com/lucky-ali/_7e15c7e-lyrics.html
 है सेहर हर जगह
 खोई खोई ख़्वाबों में छुपी छुपी ख़्वाहिशें
 नरम से रेत पे गीली गीली बारिशें
 लिपटा हूँ राहों में
 राहों की बाहों में है
 अब मेरी जगह
 कल पे छा गया धुआं
 यह जो पल नया हुआ
 हो गई शुरू नई दास्तान (refrain)








