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Nikhil D'Souza - Gubbare lyrics
आसमान से बरसे भर भरके
नीले पीले हर कलर के
तू खेल जी भरके ऐ दिल तुझे पता है
ये लम्हे और क्या हैं
जान ले क़िस्म क़िस्म के हैं ग़ुब्बारे ग़ुब्बारे कोई थोड़ा ज़्यादा भरा है
कोई ढीला फुस पड़ा है, हवा पे खड़ा है
हर एक में मज़ा है देखो तो ज़रा ये, ज़रा ये कैसे हैं
मुस्कुराहटों के बहाने ऐसे हैं
झंझटों में डूबी डूबी
हाँ डूबी दुनिया में
बुलबुले ख़ुशी केNikhil D'Souza - Gubbare - http://motolyrics.com/nikhil-dsouza/gubbare-lyrics.html
ख़ुशी के जैसे हैं
ज़रा संभलके रहना, ग़मों का पिन चुभे न
कहीं न फूट जाए...धट तेरी!
ये प्यारे से ग़ुब्बारे, न फिर मिलेंगे सारे
बेवक़ूफ़ी होगी यार, यह तेरी एक से ही काहे खेले तू
पूरा गुच्छा ले ले तू
सजा ले मेले तू
बोल कैसा लगता है कि चाहे जितने और तू फुला ले
ग़ुब्बारे ग़ुब्बारे
हाँ मुस्कुराके सीने से लगा ले
ग़ुब्बारे ग़ुब्बारे